1.राष्ट्रीय ध्वज खादी, कॉटन, रेशम, पोलिएस्टर से
निर्मित हो।
2.राष्ट्रीय ध्वज इस तरह फहराया जाना चाहिए कि केसरिया रंग सबसे ऊपर हो।
3.राष्ट्रीय ध्वज को Half Mast (आधे डंडे) पर नहीं फहराया जाना चाहिए।
4.राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर पेन, पेंसिल, स्केच पेन आदि से कुछ भी लिखा नहीं होना चाहिए।
5. फटा हुआ अथवा क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय ध्वज को नहीं फहराया जाना चाहिए।
6.राष्ट्रीय ध्वज को इस तरह नहीं फहराया जाये, जिससे ध्वज जमीन अथवा बहते पानी को छू रहा हो।
7.राष्ट्रीय ध्वज को Single Mast पर फहराया जाना चाहिए तथा उस Mast पर अन्य कोई झंडे को साथ में नहीं फहराया जाना चाहिए।
8. राष्ट्रीय ध्वज को फहराते समय यह सुनिश्चित किया जाये कि झंडा फहराने से कोई व्यावसायिक लाभ अर्जित करने की स्थितियां निर्मित नहीं हो रही हो।
9.राष्ट्रीय ध्वज को क्षतिग्रस्त होने, गंदा होने अथवा अभियान समाप्ति उपरांत सार्वजनिक स्थान पर या ऐसे स्थान पर नहीं फेंका जाए, जिससे ध्वज के सम्मान को ठेस लगे।
10.राष्ट्रीय ध्वज को हर घर तिरंगा अभियान की समाप्ति पर निजी तौर पर धोकर तथा तत्पश्चात सहेज कर घर में ही सुरक्षित स्थान पर रखा जावे।
11.झंडे को यदि सरकारी परिसर में फहराया जाता है तो सूर्योदय के उपरांत ध्वजारोहण किया जाना चाहिए तथा सूर्यास्त के साथ ही सम्मान के साथ इसे उतारना चाहिए।
12.दिनांक 11 से 17 अगस्त 2022 तक निजी आवासों एवं प्रतिष्ठानों पर लगाये जाने वाले झंडों को उक्त समयावधि के उपरांत आदर भाव के साथ उतार कर सुरक्षित रखा जायेगा।
13.भारतीय ध्वज संहिता 2002 के भाग ।। के पैरा 2.2 के खंड (xi) को संशोधित करके "जहां झण्डा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या फिर जनता के किसी सदस्य के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, अब इसे दिन या रात में कभी भी फहराया जा सकता है।'
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