श्री नरेन्द्र मोदी कैबिनेट ने नई
शिक्षा नीति{न्यू एजुकेशन पालिसी } के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.| श्री नरेंद्र
मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ये फैसला किया. शिक्षा नीति में ये
बदलाव 34 साल बाद हुआ है|.
नई शिक्षा नीति से जुड़ी अहम बातें-
1.
.कक्षा 5 तक कम से कम और
आठवीं और उससे आगे भी सम्भब हुआ, तो स्थानीय भाषा या
मातृभाषा में पढ़ना होगा. यानी कि हिंदी, अंग्रेजी जैसे विषय
अव मात्र भाषा के पाठ्यक्रम के तौर पर तो
होंगे, लेकिन बाकी पाठ्यक्रम स्थानीय भाषा या मातृभाषा में होंगे.
2.
छात्रों को सब्जेक्ट चुनने की आजादी
होगी इसे इस प्रकार समझ सकते है कि यदि अगर
कोई छात्र विज्ञान के साथ कला या संगीत भी पढ़ना चाहे, तो उसे ये विकल्प होगा. वोकेशनल पाठ्यक्रम CLASS-6 से शुरू हो
जाएंगे.
3.
अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2+3 के हिसाब से चलता है| लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा. यानी कि प्राइमरी से कक्षा-2 तक{कुल पांच कक्षायें} एक हिस्सा, तीसरी से पांचवी तक{कुल 3 कक्षायें} दूसरा हिस्सा, कक्षा छठी से आठवी तक{6-7-8} तीसरा हिस्सा. और कक्षा नौंवी से कक्षा 12 तक आखिरी हिस्सा होगा.
4.
बोर्ड परीक्षा में रटकर याद करने की
आदतों को कम से कम किया जाएगा. बोर्ड परीक्षा को ज्ञान आधारित बनाया जाएगा .
.
5
जब बच्चा स्कूल से निकलेगा, तो ये तय किया जाएगा कि वो कोई ना कोई स्किल लेकर बाहर निकले. ये तय किया जाएगा कि स्कूल ने बच्चे में में कोई
न कोई स्किल DEVLOPMENT किया हो .
6.
स्नातक कोर्स में
अब 1 साल की शिक्षा लेने पर सर्टिफिकेट,
2 साल की शिक्षा लेने पर डिप्लोमा,
3 साल की शिक्षा लेने पर डिग्री मिलेगी.
अब कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल दोनों की होगी. 3 साल की डिग्री उन
छात्रों के लिए जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं करना है.
और जिन्हे हायर एजुकेशन करनी है उन्हें
चार साल की डिग्री करनी होगी
मास्टर डिग्री अब एक साल की होगी.
अब छात्रों को MPHIL नहीं करना होगा. MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे
7.
अब तक रिपोर्ट कार्ड केवल अध्यापक लिखता है. लेकिन नई शिक्षा नीति में तीन हिस्से होंगे. पहला स्टूडेंट अपने बारे में स्वयं मूल्यांकन करेगा, दूसरा उसके सहपाठियों से होगा और तीसरा अध्यापक के जरिए होगा|
अब बच्चा स्कूली शिक्षा के दौरान अपनी
रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में भी भूमिका निभाएगा.
-नई नीति स्कूलों में बहुभाषावाद को बढ़ावा देती है. राष्ट्रीय पाली
संस्थान, फारसी और प्राकृत, भारतीय अनुवाद
संस्थान और व्याख्या की स्थापना की जाएगी.
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